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अध्यक्षीय सम्बोधन

सर्वप्रथम मैं, उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक परिवार की ओर से समस्त मूल्यवान ग्राहकों का हमारे बैंक के प्रति विश्वास एवं वित्तीय लेनदेन करने हेतु आभार प्रकट करता हूँ। मैं, व्यक्तिगत रूप से बैंक के समस्त कार्मिकों एवं बैंक मित्रों को उनकी लगनशीलता, कार्य अनुभव, ज्ञान एवं प्रतिबद्धत्ता हेतु साधुवाद प्रेषित करता हूँ। आज सम्पूर्ण विश्व में फैली कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों से हम भी अछूते नहीं हैं। इस विषम परिस्थिति में मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि आप सभी अपने आपको सतर्क एवं सुरक्षित रखते हुए अपने परिवारों को भी सुरक्षित रखें। कोरोना महामारी के कारण उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए हमारी सरकारों द्वारा विभिन्न वित्तीय सहायताएं/ऋण योजनाएं उपलब्ध कराई जा रही है जोकि अधिकतर बैंकों के माध्यम से ही संपादित हो रही हैं, अतः मुझे विश्वास है कि हमारा बैंक, जोकि ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती व्यक्ति तक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, भी पूर्ण निष्ठा एवं लगनशीलता के साथ तत्पर रहेगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति पर अपनी 286 शाखाओं और 624 व्यवसाय प्रतिनिधियों के माध्यम से राज्य के दूसरे सबसे बड़े बैंकिंग नेटवर्क वाले उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के मुख्य व्यावसायिक आंकड़ें प्रस्तुत करना मेरे लिये हर्ष का विषय है।
  • 18.68 लाख के मूल्यवान ग्राहक आधार और 1110 कर्मचारियों की समर्पित टीम के साथ, बैंक का व्यवसाय 8.35% की दर से बढ़कर रू 7897.46 करोड़ के स्तर तक पहुंच गया, जिसमें रू 5469.76 करोड़ जमा (वर्ष के दौरान वृद्धि 9.22%) और अग्रिम रू 2427.70 करोड़ (वर्ष के दौरान वृद्धि 6.42%) समेकित हैं। हमारी CASA जमा राशि 56.24% और प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिम स्तर 63.63% है।
  • बैंक का सकल एनपीए रू 180.52 करोड़ (7.44%) और शुद्ध एनपीए रू 81.67 करोड़ (3.53%) रहा। प्रति शाखा व्यवसाय रू 2.12 करोड़ की वृद्धि के साथ रू 27.61 करोड़ के स्तर पर रहा तथा प्रति कर्मचारी व्यवसाय रू 0.86 करोड़ की वृद्धि के साथ रू 7.11 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया।
  • बैंक के कर्मचारियों के लिए पेंशन हेतु नाबार्ड के निर्देशों के अनुसार, बैंक द्वारा पेंशन देयताओं की पूर्ति हेतु रू 128.50 करोड़ का प्रावधान किया गया फलस्वरूप बैंक की लाभप्रदता प्रभावित हुई एवं बैंक द्वारा रू 79.24 करोड़ की हानि दर्ज की गई।
  • सीमित संसाधनों के बावजूद उच्चतम ग्राहक सेवा के दृष्टिगत नाबार्ड द्वारा प्रदत्त वित्तीय साक्षरता वाहन में बैंक का प्रथम डेस्कटॉप एटीएम स्थापित किया गया।
  • ग्राहक सुविधा हेतु स्वयं पासबुक प्रिन्टर(SWAYAM) स्थापित किया गया।
  • अन्य बैंकिग नेटवर्क के ग्राहकों को भी बैंकिग सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से शाखाओं में माइक्रो एटीएम स्थापित करने हेतु क्रय आदेश जारी किया गया है।
  • शाखा स्तर पर कनेक्टीविटी की समस्या के निराकरण हेतु अधिकांश शाखाओं में दोहरी कनेक्टीविटी प्रदान की गई।
  • गैर ब्याज आय हेतु एसबीआई लाइफ, एसबीआई जनरल तथा एसबीआई म्यूचुअल फण्ड के उत्पादों के विपणन से बैंक को रू 1.47 करोड़ की शुद्ध आय प्राप्त हुई।
  • जोखिम प्रबन्धन हेतु शाखाओं को विभिन्न परिपत्रों/एडवाइजरी के माध्यम से अवगत कराया गया।
  • समस्त डिजिटल प्लेटफॉर्म यथा NEFT/RTGS/ATM सुविधा, POS मशीन, IMPS मोबाइल बैंकिंग सेवाएं, मिस्ड कॉल अलर्ट, UPI, AEPS, DBT आदि का ग्राहकों द्वारा लाभ उठाया जा रहा है।
अन्ततः, मै निदेशक मण्डल, भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड तथा प्रायोजक बैंक का उनके मार्गदर्शन एवं अमूल्य परामर्श हेतु धन्यवाद प्रेषित करता हॅू तथा समस्त ग्राहकों/जनता से अपील करता हूँ कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की वित्तीय सेवाएं प्राप्त करते हेतु बैंक से जुड़ें तथा अन्य को भी प्रेरित करें।

                          (राकेश तेजी)